उत्तर मिला तुम वर्षों की सोच रही हो, यहां अगले पल का पता नहीं। उत्तर मिला तुम वर्षों की सोच रही हो, यहां अगले पल का पता नहीं।
पहले इनमें विस्फोट हुआ था। लावा बाहर निकल गया था। पहले इनमें विस्फोट हुआ था। लावा बाहर निकल गया था।
क्षण प्रति क्षण फिर भी तुम पूछ रही हो क्यों है मुझमें आकर्षण ?. क्षण प्रति क्षण फिर भी तुम पूछ रही हो क्यों है मुझमें आकर्षण ?.
हर गुस्सा को एक मुस्कुराहट ही शान्त कर सकते है हर गुस्सा को एक मुस्कुराहट ही शान्त कर सकते है
जो आज मुझसे हैं कोसो दूर पर मन मस्तिष्क पर छाये हैं और आज कुछ कुछ पराये हैं पर दोस्त, तो दोस्त ... जो आज मुझसे हैं कोसो दूर पर मन मस्तिष्क पर छाये हैं और आज कुछ कुछ पराये हैं ...
श्वेत रंग पवित्रता, शुद्धता, विद्या और शांति का प्रतीक है। श्वेत रंग पवित्रता, शुद्धता, विद्या और शांति का प्रतीक है।